शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

पुरखा के सुरता में विशाल पदयात्रा एवं आमसभा 1 जनवरी को


■ छत्तीसगढ़ के दो युग पुरुष श्रद्धेय ताराचंद साहू जी एवं श्रद्धेय चंदूलाल चंद्राकर जी की याद में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का भव्य आयोजन दुर्ग में

रायपुर : छत्तीसगढ़ के दो युग पुरूष श्रद्धेय ताराचंद साहू जी एवं श्रद्धेय चंदूलाल चंद्राकर जी के जयंती अवसर पर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना पुरखा के सुरता नाम से विशाल पदयात्रा एवं आमसभा का आयोजन कर रही हैं।1जनवरी सुबह 10 बजे से विशाल पदयात्रा मालवीय नगर चौक दुर्ग से निकल कर पुराना बस स्टैंड इंदिरा मार्केट में आमसभा के साथ संपन्न होगा। इस आयोजन में प्रदेश भर से क्रान्ति सेना के कार्यकर्ता के साथ हजारों की संख्या में लोग विशाल पदयात्रा में शामिल होंगे।

दुर्ग जिला के पूर्व सांसद एवं छत्तीसगढ़ियों की अस्मिता से हो रहे खिलवाड़ के खिलाफ पुरजोर आवाज बुलंद करने वाले स्व. ताराचंद साहू जी दुर्ग के साथ ही पुरे प्रदेश की राजनीति में धुमकेतु की तरह केन्द्र बिन्दु बने हुए थे।  श्रद्धेय साहू जी 1 जनवरी 1947 को जन्मे, उन्होंने छत्तीसगढ़ियो के शोषण उत्पीड़न के विरुद्ध जबरदस्त तरीके से आवाज बुलंद की थी।

छत्तीसगढ़िया एवं छत्तीसगढ़ को अमिट पहचान दिलाने वाले पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के संस्थापक युग पुरुष स्व. चंदूलाल चंद्राकर जी 1 जनवरी 1921 में जन्मे अद्भुत आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे उन तमाम विरोध और विरोधियों के बावजूद पृथक छत्तीसगढ़ राज्य का झंडा बुलंद करते रहे । अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता में लंबे समय तक सरताज रहे। तीन बार सांसद फिर केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।

क्रान्ति सेना के प्रदेश महामंत्री भूषण साहू ने बताया राज्य सरकार कभी यहाँ के महापुरुषों व पुरखो का सम्मान नहीं किया, बल्कि दुसरे राज्यों के व्यक्तियो का महिमा मंडन और सम्मान करते आ रहीं हैं। क्रान्ति सेना आने वाली पीढ़ी को अपने पुरखों के महान कार्यों की जानकारी देने के लिये आगे भी राज्य के महापुरुषों के सम्मान में कार्यक्रम करते रहेंगी। राज्य के सभी छत्तीसगढ़िया जनों को आयोजन में शामिल होने निवेदन किया हैं।







शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा का हुआ अनावण





शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

10 दिसंबर को बसना मे बलिदान दिवस पर वीर मड़ई, शहीद की आदमकद कास्य प्रतिमा का होगा स्थापना


रायपुर : शहीद वीरनारायण सिंह जी के बलिदान दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना तथा सर्व आदिवासी महासंघ द्वारा रविवार 10 दिसंबर को वीर मड़ई व विभिन्न कार्यक्रम आदिवासी सांस्कृतिक भवन अरेकेलडीपा बसना महासमुंद में सुबह 10 बजे से आयोजित है। 

ज्ञात हो एक वर्ष पूर्व बसना चौक में शहीद वीरनारायण सिंह जी की प्रतिमा को किसी समाज द्वारा खंडित कर अपमान किया था। जिसके विरोध में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति त्वरित प्रतिक्रिया के साथ जबर गोहार आंदोलन कर शासन तक आवाज पहुँचाई। सेना लगातार शासन प्रशासन से लड़ाई लड़ी जिसमें छत्तीसगढ़िया समाज का भरपूर सहयोग मिला।

बलिदान दिवस पर शहीद वीर नारायण सिंह जी की आदमकद कांस्य की प्रतिमा का अनावण कर वीर मड़ई मनाया जायेगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित है जिसमें आदिवासी सांस्कृतिक भवन से महारैली निकाली जायेगी तथा पंथी नृत्य, राउत नाचा, कर्मा ददरिया के साथ बस्तर से रेलोपाटा गोड़ी नृत्य का आकर्षण रहेगा। क्रान्ति सेना अध्यक्ष अमित बघेल ने सभी छत्तीसगढ़िया को भव्य वीर मड़ई कार्यक्रम में आने का नेवता दिया। और कहाँ शहीद को सम्मान पाते देख गौरवान्वित हो।











सोमवार, 4 दिसंबर 2017

गुरतुर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर हुआ छत्तीसगढ़िया सम्मेलन, भाषा प्रेमियों में दिखा उत्साह।


■ 28 नवंबर को वृंदावन हाल में मना गुरतुर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस, राजभाषा मंच, छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना तथा एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन संयुक्त में हुआ। संजीव तिवारी गुरतुर गोठ डाट काम को गुगल इंटरनेट में छत्तीसगढ़ी कि बोर्ड के लिए सम्मानित किया।

रायपुर : छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर राजधानी स्थित वृंदावन हाल में मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुआ। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच, छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना, एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन तथा छत्तीसगढ़ी भाषा छात्र विकास समिति मिलकर आयोजन किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ी भाषा प्रेमियों ने अपनी अपनी बात रखी।

राजभाषा मंच प्रांतीय अध्यक्ष नंदकिशोर शुक्ला ने छत्तीसगढ़ी भाषा के पिछड़ा होने का कारण सरकार और राजभाषा आयोग को बताया। उन्होंने आयोग को आड़े हाथ लेते हुए कहाँ कि आज दस वर्षों बाद भी छत्तीसगढ़ के महतारी भाषा को सम्मान नहीं मिला आयोग सरकार की कठपुतली बन के रह गई हैं। संस्कृति को बचाना है तो भाषा को बचाना जरूरी है, शासन को निर्देशित करना चाही आयोग को सही तरीके से काम करें और छत्तीसगढ़ी भाषा को राज्य में स्थापित करे।

छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना के प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर  महिना के शुरूआत से 28 नवंबर तक छत्तीसगढ़ी महतारी भाखा अस्मिता दिवस के रूप में मनाते आई हैं। भाषा को आठवीं अनुसूची तथा स्कूलों में पांचवी तक पढ़ाई के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में भी सत्याग्रह किये है। महिला क्रान्ति सेना गांव गांव जाकर भाषा का प्रचार प्रसार कर रही हैं, उन्होंने कहा कि स्कूलों में पढ़ाई हो सरकारी कामकाज में प्रयोग किया जाये छत्तीसगढ़ी मातृभाषा का।

राम गुलाम ठाकुर ने आऊटसोर्सिंग के मुद्दों पर बोलते हुए कहाँ राज्य में ओड़िया बंगाली स्कूलों में पढ़ाने आदेश निकाल दिया जाता है, पर छत्तीसगढ़ी के लिए कुछ नहीं। उन्होंने सरकार को आऊटसोर्सिंग बताया और हर क्षेत्र में हो रहे आऊटसोर्सिंग के बारे में विस्तार से बताया।

प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना अमित बघेल छत्तीसगढ़ी भाषा को स्थापित न करना अपमान हैं, और सरकार ये अपमान कर चुका है। क्रान्ति सेना भाषा संस्कृति के लिए हमेशा आंदोलन करते आ रहीं हैं, आगे भी स्कूलों में पढ़ाई हो या आठवीं अनुसूची शासन के खिलाफ लड़ने के लिए हरदम तैयार हैं।

कार्यक्रम में संजीव तिवारी गुरतुर गोठ डाट काम को गुगल इंटरनेट में छत्तीसगढ़ी कि बोर्ड शामिल करने में सहयोग करने के लिए क्रान्ति सेना ने सम्मान किया। सांस्कृतिक संध्या में पंडवानी गायिका किरण तथा गरिमा दिवाकर अपनी प्रस्तुति में लोक कला को परोसा। आगे अशोक तिवारी संस्कृति विशेषज्ञ, डाॅक्टर साव कर्मा हास्पिटल, गीरधर साहू प्रदेश संयोजक क्रान्ति सेना, मनोज वर्मा फिल्म निर्देशक, डाॅक्टर गजेन्द्र चंद्राकर कृषि वैज्ञानिक, रामेश्वर वैष्णव गीतकार, जागेश्वर प्रसार राज्य आंदोलन कारी, भाषा के प्रति विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में प्रमोद साहू, संजीव साहू, देव हीरा के साथ एम ए छत्तीसगढ़ी के छात्र, छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना, साहित्यकार कलाकार भारी संख्या में उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन यशवंत वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष क्रान्ति सेना ने किया।


















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